Sunday, February 3, 2013

ठाकुर युगल किशोर हमारों, चाकर हम पिय प्यारी के।
गुरु सेवा ही धर्म हमारों, दास न हम श्रुतिचारी के"।।

"ठाकुर युगल किशोर हमारों, चाकर हम पिय प्यारी के।
 गुरु सेवा ही धर्म हमारों, दास न हम श्रुतिचारी के"।।

 

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