एक दिन अगर निकल जाये ऐसा कि न किसी के प्रति द्वेष अंदर आने पावे , न किसी के प्रति राग आने पावे , समझो वो तुम्हारा जीवन का असली दिन है ! और आ जाये कभी अभ्यास के कारनतो फील ( feel ) करो ! फीलिंग ( feeling) से दोष कम होते हैं !
************जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज*************
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