भगवान् की भावना हो, फिर कोई नाम लो , सब ठीक है ! भगवान् ने शर्त ही नहीं रखी कि मेरा यह नाम है ! वे तो सब नामों में ऐसे बैठे रहते हैं जैसे दूध में घी ! जितने प्रतिशत तुम उन्हें मानोगे उतने प्रतिशत तुम्हें प्यार हो जायेगा और उतने ही प्रतिशत उसमें तुम्हें आनन्द की प्राप्ति होगी !
*******जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ********
*******जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ********
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