एक
दिन अगर निकल जाये ऐसा कि न किसी के प्रति 'द्वेष' अंदर आने पावे , न किसी
के प्रति 'राग' आने पावे , समझो वो तुम्हारा जीवन का असली दिन है ।और आ
जाये कभी अभ्यास के कारण तो फील ( feel ) करो ।फीलिंग ( feeling) से दोष कम
होते हैं।
--------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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