राधे-राधे बोल नित,करु राधे को ध्यान।
ऐहैं निज गोलोक तजि,भाजत श्याम सुजान।।
निरंतर श्री राधिका का ध्यान करते हुए उनका नामादि संकीर्तन करो। इसी साधना से श्यामसुंदर बिना बुलाये भागे भागे अपना लोक छोड़कर आ जायेंगे। राधे नाम से श्यामसुंदर को इतना अनुराग है।
ऐहैं निज गोलोक तजि,भाजत श्याम सुजान।।
निरंतर श्री राधिका का ध्यान करते हुए उनका नामादि संकीर्तन करो। इसी साधना से श्यामसुंदर बिना बुलाये भागे भागे अपना लोक छोड़कर आ जायेंगे। राधे नाम से श्यामसुंदर को इतना अनुराग है।
Constantly meditate on Shri Radha while chanting her name and
glories.With this very spiritual practice,Lord Krishna will come running
to you leaving his divine abode Goloka.Shyamsundar loves the name of
Radha so much.
'भक्ति शतक' दोहा संख्या ८०.........जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
'भक्ति शतक' दोहा संख्या ८०.........जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
No comments:
Post a Comment