जितने
समीप आग के कोई जायेगा उतना ही उसका शीत उसकी ठंडक कम हो जायेगी , उतना ही
उसका ताप बढ़ता जायेगा। उसी प्रकार हम जितना जितना भगवान् के पास भक्ति के
द्वारा जायेंगे , उतनी ही भगवत्शक्ति हमको मिलती जायेगी और चूँकि भगवान्
नित्य शांत , नित्य आनंदमय है इसलिए उसकी शक्ति से हम भी शांत होते
जायेंगे। इस प्रकार से यदि सभी जीव शांति की तरफ अग्रसर होंगे तो हमारा
हिन्दू धर्म कहता है कि एक - एक मिलकर ही समूह बनता है तो विश्व में शांति
हो सकती है।
............ जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु।
............ जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु।
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