समस्त जीवात्माओं की आत्मा केवल परमात्मा श्री कृष्ण ही हैं।
कृष्णमेन मवेहि त्वमात्मानं सर्वदेहिनाम ( भागवत)
उन परमात्मा श्री कृष्ण की आत्मा एकमात्र वृषभानुनंदिनी राधा हैं।
कृष्णमेन मवेहि त्वमात्मानं सर्वदेहिनाम ( भागवत)
उन परमात्मा श्री कृष्ण की आत्मा एकमात्र वृषभानुनंदिनी राधा हैं।
आत्मा तु राधिका तस्य (स्कंद पुराण)
अतएव समस्त प्राणी एक मात्र श्री कृष्ण के दास हैं। ऐसे ही श्री कृष्ण भी श्रीराधा के दास हैं। यद्यपि सिद्धांततः राधा कृष्ण एक ही हैं। भावार्थ यह कि समस्त जीवों के आराध्य राधाकृष्ण ही हैं। यही सबका लक्ष्य है।
-----तुम्हारा जगद्गुरु: कृपालु:
अतएव समस्त प्राणी एक मात्र श्री कृष्ण के दास हैं। ऐसे ही श्री कृष्ण भी श्रीराधा के दास हैं। यद्यपि सिद्धांततः राधा कृष्ण एक ही हैं। भावार्थ यह कि समस्त जीवों के आराध्य राधाकृष्ण ही हैं। यही सबका लक्ष्य है।
-----तुम्हारा जगद्गुरु: कृपालु:
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