EID MUBARAK TO ALL DEAR FRIENDS ACROSS THE GLOBE...
RADHE-RADHE.
ISLAM DHARM AUR JAGADGURU SHREE KRIPALUJI MAHARAJ
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ISLAM DHARM AUR JAGADGURU SHREE KRIPALUJI MAHARAJ
'इस्लाम' शब्द का अर्थ क्या है ? इस्लाम लब्ज-सल्म लब्ज से बना है. सल्म
अरबी शब्द है इस लब्ज का अर्थ है खुदा को अर्पित अर्थात इस्लाम शब्द ही का
अर्थ है, जो इन्सान खुदा को अर्पित हो जाये,सर्वसमर्पण कर दे वह इस्लाम
धर्म को मानने वाला है।
भगवान दो नहीं हुआ करते, खुदा अनेक नहीं होता,वो एक ही है और जितने इन्सान उसने बनाये है वे किसी उद्देश्य से बनाये है -
मा ख़लक तल इन्स व जिन्न इल्लाले आबदून।
कुरान में कहा गया है कि इंसान को इसलिये बनाया है कि वो खुदा को अर्पित हो, उसी क़ी इबादत करे और सही सही इबादत करे, खुदा से ही जिसकी मुहबत हो। इन्स लब्ज है अरबी में, उससे इन्सान बना. इसका मतलब ही यह होता है कि जो खुदा कि इबादत करे उनका नाम इन्सान।
......जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु।
इस्लाम धर्मानुयायी भी श्री महाराजजी के स्नेहमय व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उनके पास आकर अपूर्व आनंद का अनुभव करते है। कुरान शरीफ और हिन्दू धर्म ग्रंथो का अपूर्व समन्वय सुनकर आश्चर्य चकित हो जाते है कि इस्लाम धर्म का भी सही सही ज्ञान महाराजजी जैसा कोई नहीं दे सकता. महाराजजी भी उन्हें गले लगाते हुये प्रेम रस से सराबोर कर देते है।
भगवान दो नहीं हुआ करते, खुदा अनेक नहीं होता,वो एक ही है और जितने इन्सान उसने बनाये है वे किसी उद्देश्य से बनाये है -
मा ख़लक तल इन्स व जिन्न इल्लाले आबदून।
कुरान में कहा गया है कि इंसान को इसलिये बनाया है कि वो खुदा को अर्पित हो, उसी क़ी इबादत करे और सही सही इबादत करे, खुदा से ही जिसकी मुहबत हो। इन्स लब्ज है अरबी में, उससे इन्सान बना. इसका मतलब ही यह होता है कि जो खुदा कि इबादत करे उनका नाम इन्सान।
......जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु।
इस्लाम धर्मानुयायी भी श्री महाराजजी के स्नेहमय व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उनके पास आकर अपूर्व आनंद का अनुभव करते है। कुरान शरीफ और हिन्दू धर्म ग्रंथो का अपूर्व समन्वय सुनकर आश्चर्य चकित हो जाते है कि इस्लाम धर्म का भी सही सही ज्ञान महाराजजी जैसा कोई नहीं दे सकता. महाराजजी भी उन्हें गले लगाते हुये प्रेम रस से सराबोर कर देते है।
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