विचार कीजिये!
आज धन है, कल नहीं है, आज बल है, कल बुढ़ापा आ गया, आज रूप है कल कुरूप हो
गये, जो कुछ है सीमित है वह भी एक सा नहीं रहेगा। और फिर एक दिन सारा का
सारा जीरो(zero) हो जायेगा और लोग कहेंगे- आज वह चला गया।
------'श्री कृपालु गुरुदेव ' के श्रीमुख से।
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