भर
भर के पी ले मय पर पैमाना साथ न लाना, दोनों जहाँ की ख्वाहिश दिल में रहे न
तिल भर, पैमाना ये ही लेकर मयकश कदम बढ़ाना, इनका नशा है ऐसा उतरे न ता
क़यामत,
बढ़ता रहे हमेशा खाली न हो खजाना, इक बात है "कृपालु " यारों नशे में इसके,
शाहाना ठाठ बाहर भीतर मगर दीवाना ..............!!!
राधे-राधे।
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