कुछ
समय का नियम बनाकर प्रतिदिन श्यामसुंदर का स्मरण करते हुए रोकर उनके
नाम-लीला-गुण आदि का संकीर्तन एवं स्मरण करो एवं शेष समय में संसार का
आवश्यक कार्य करते हुए बार-बार यह महसूस करो कि श्यामसुंदर हमारे प्रत्येक
कार्य को देख रहें हैं, और उन्हें आप दिखा-दिखा कर कार्य कर रहे हैं। इस
प्रकार कर्म भी न्यायपूर्ण होगा एवं थकावट भी न होगी। एक बार करके देखिये।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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