हरि गुरु एक मानो रहो गुरुधामा |
अनुकूल चिन्तन करो आठु यामा ||
हरि गुरु को एक मानते हुये गुरुधाम में निवास करो | सदैव गुरु के अनुकूल ही चिंतन करो |
अनुकूल चिन्तन करो आठु यामा ||
हरि गुरु को एक मानते हुये गुरुधाम में निवास करो | सदैव गुरु के अनुकूल ही चिंतन करो |
नाम अपराध जनि करो गुरुधामा |
अन्यथा नरक में भी मिले नाहिं ठामा ||
गुरुधाम में जाकर नामापराध से सावधान रहना चाहिये अन्यथा नरक में भी स्थान नहीं प्राप्त होगा |
आदेश पालन हो सदा गुरुधामा |
आदेश पालन ते मिलें श्याम श्यामा ||
साधक को बड़ी सावधानी से सद्गुरु के आदेश का सदा पालन करना चाहिये | गुरु आदेश-पालन से ही श्यामा-श्याम की प्राप्ति होगी |
....(श्यामा श्याम गीत)---जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
अन्यथा नरक में भी मिले नाहिं ठामा ||
गुरुधाम में जाकर नामापराध से सावधान रहना चाहिये अन्यथा नरक में भी स्थान नहीं प्राप्त होगा |
आदेश पालन हो सदा गुरुधामा |
आदेश पालन ते मिलें श्याम श्यामा ||
साधक को बड़ी सावधानी से सद्गुरु के आदेश का सदा पालन करना चाहिये | गुरु आदेश-पालन से ही श्यामा-श्याम की प्राप्ति होगी |
....(श्यामा श्याम गीत)---जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
No comments:
Post a Comment