तुम्हारी
जिस वस्तु में सबसे अधिक आसक्ति हो, उसी को भगवान को अर्पण कर दो । इससे
तुम्हारी आसक्ति कम हो जाएगी । आसक्ति ही भगवदक्षेत्र में बाधा डालती है।
तुम्हारी आसक्ति किस मेँ है ,यह जानने के लिए, चिंतन द्वारा पता लगाओ,
तत्पश्चात उस वस्तु का समर्पण कर दो।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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