आत्मा
का कमाने का मामला सोचो। तुम आत्मा हो , शरीर नहीं हो। शरीर को तो छोड़ना
पड़ेगा , जबरदस्ती छुड़वाया जायगा शरीर। इसलिये हर साल आत्म-निरिक्षण करो
और फील करो, और अगले साल की तैयारी करो कि अब की साल काम बना लेना है। क्या
पता पूरा साल न मिले। छः महीने ही मिलें। एक ही महीना मिले।
क्षणभंगुर जीवन की कलिका ,
कल प्रात को जाने खिली न खिली।
क्षणभंगुर जीवन की कलिका ,
कल प्रात को जाने खिली न खिली।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु।
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