साधुसंग
मानों चावल का धोया हुआ पानी होता है। किसी को अत्यधिक नशा हो तो उसे चावल
का धोया हुआ पानी पिला देने से नशा उतर जाता है। इसी प्रकार साधुसंग संसार
में कामना , वासनारूपी मद पीकर जो मत हुए हैं उनका नशा उतार देता है।
.....जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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