तुम अपने को शरीर क्यों मानते हो? अपने को केवल आत्मा मानो और सबमें हमारा प्रेमास्पद,हमारा परमात्मा बैठा हुआ है,ये दृढ़ विश्वास करो। और सोचो किसी के दिल को दुखाना,किसी की बुराई करना,किसी में दुर्भावना लाना इससे हमारे प्राण वल्लभ को कितना कष्ट होगा।
-------श्री महाराजजी।
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