बहुतों
को शंका है की भगवान और गुरु हमसे कितना प्यार करते हैं या कितना कृपा
करते हैं ? तो इसका सीधा और सरल उतर है कि जो जीव जितनी मात्रा में जितना
प्यार (भक्ति) करेगा, उससे भगवान और गुरु उतना ही प्यार करेंगे उससे अधिक
भी नहीं या उससे कम भी नहीं । अब आप लोग सोचो आपको कितना चाहिए । आपको यदि
१०% चाहिये तो १०% कर लो यदि ५०% चाहिये तो ५०% कर लो यदि हाँ १००% चाहिये
पूरा कर लो । इसलिये प्यार करोगे तो प्यार मिलेगा यदि अक्टिंग करोगे तो वो
भी महा अक्टिंग करेंगे । इसलिये छल, कपट छोड़ कर निस्वार्थ भाव से तुरंत
जन्मे हुये बच्चे की तरह रो कर पुकारो ओर प्यार (भक्ति) करो ।
-------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
-------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
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