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अनादिकाल से हम संसार की जेल में दण्ड भोग रहे हैं ! इसका एक कारण है कि
हमने भगवान् के साथ ' ही ' नहीं लगाया , केवल ' भी ' लगाया ! एक शब्द में
इतना बड़ा दण्ड ! भगवान् भागवत में कहते हैं " मैं सब कुछ हूँ तेरा जीव !
क्यों भूल गया तू मुझे ? '' ये माया जो तेरे ऊपर अधिकार किये है केवल मुझे
भूलने के कारण ! लेकिन मैं नहीं भूला तुझे ! मैं तेरे हृदय में बैठ कर तेरे
एक एक आइडियाज ( IDEAS ) को नोट करता हूँ , चुपचाप , तुझे
डिस्टर्ब ( DISTURB ) नहीं करता ! इसलिये जीव ! तू निरंतर मेरा स्मरण करते हुये मेरे नाम के साथ ' ही ' लगा ' भी ' नहीं। जिस दिन तू ' ही ' लगा देगा उस दिन भगवत प्राप्ति तेरे लिये करतलगत है।''
.......जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
डिस्टर्ब ( DISTURB ) नहीं करता ! इसलिये जीव ! तू निरंतर मेरा स्मरण करते हुये मेरे नाम के साथ ' ही ' लगा ' भी ' नहीं। जिस दिन तू ' ही ' लगा देगा उस दिन भगवत प्राप्ति तेरे लिये करतलगत है।''
.......जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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