श्री महाराज जी द्वारा --------
हम दस - पन्द्रह सालों से गुरु के साथ में रह रहे हैं और बड़े अहंकार से कहते हैं कि मेरे को पन्द्रह साल हो गये सत्संग में चलते हुये ! लेकिन ये नहीं सोचते कि पाने वाले एक हफ्ते में पा लेते हैं , लेकिन हम लोग पन्द्रह साल तक भी कुछ नहीं पा सके ! हमारे कीर्तन में भी आँसू नहीं आते , इतने साल से गुरु का संग मिल रहा है, फिर भी दीनता नहीं आई , गुरु ने इतना अपनापन दिया , फिर भी प्यार हमारा उनसे न हो सका ! बार - बार अपने अन्दर की गलतियों को रियलाइज करके आँसू बहाओ।
हम दस - पन्द्रह सालों से गुरु के साथ में रह रहे हैं और बड़े अहंकार से कहते हैं कि मेरे को पन्द्रह साल हो गये सत्संग में चलते हुये ! लेकिन ये नहीं सोचते कि पाने वाले एक हफ्ते में पा लेते हैं , लेकिन हम लोग पन्द्रह साल तक भी कुछ नहीं पा सके ! हमारे कीर्तन में भी आँसू नहीं आते , इतने साल से गुरु का संग मिल रहा है, फिर भी दीनता नहीं आई , गुरु ने इतना अपनापन दिया , फिर भी प्यार हमारा उनसे न हो सका ! बार - बार अपने अन्दर की गलतियों को रियलाइज करके आँसू बहाओ।
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