हमारे
ह्रदय में श्याम सुंदर हैं , इस फीलिंग ( feeling ) को बढ़ाना है , अभ्यास
करो इसका ! कभी भी अपने आपको अकेला न मानो बस एक सिद्धांत याद कर लो ! हम
लोग जो पाप करते हैं , क्यों करते हैं ? अकेला मानकर अपने आपको ! हम जो सोच
रहे हैं , कोई नहीं जनता ! हम जो करने जा रहे हैं कोई नहीं जनता ! हम जो
झूठ बोल रहे हैं , कोई नहीं जान सकता।
........जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
........जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
No comments:
Post a Comment