भगवान् की शर्त है कि मेरे प्रति 'ही' लगाओ कि - "तुम ही हमारे हो" और हम लोग कहते हैं कि - "भगवान् भी हमारे हैं और संसार भी हमारा है" । 'भी' की जगह 'ही' लगाने का अभ्यास करना होगा। आत्मा का पिता, आत्मा की माता, आत्मा का रिश्ता केवल परमात्मा से है, संसारी सम्बन्धी तो प्रत्येक जन्म में बदलते रहते हैं । हमारा मन पापों से अशुद्ध है, क्योंकि हम अनन्त जन्म के पाप किये बैठे हैं ॥
--------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज.
--------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज.
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