Wednesday, April 17, 2013

श्यामसुन्दर को अपना मानने में जो गड़बड़ है, वह है अहंकार। हमारे अन्दर जो अहंकार है, वह जिसमें जितना अधिक है वो उतनी ही गड़बड़ में पड़ा हुआ है। भगवान् का एक शत्रु है अहंकार।
~~~~~~जगद्गुरु श्री कृपालु जी.
श्यामसुन्दर को अपना मानने में जो गड़बड़ है, वह है अहंकार। हमारे अन्दर जो अहंकार है, वह जिसमें जितना अधिक है वो उतनी ही गड़बड़ में पड़ा हुआ है। भगवान् का एक शत्रु है अहंकार।
~~~~~~जगद्गुरु श्री कृपालु जी महरज~~~~~~~

 

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