कैसी तेज़ गति है उनकी एक क्षण भी अपना व्यर्थ नहीं जाने देते हैं।सर्दी गर्मी बरसात आँधी तूफान कैसा भी मौसम हो वे सदैव गतिशील ही रहते हैं। उनकी दिनचर्या में कोई अंतर नहीं होता कैसी भी परिस्थिति हो कैसा भी उनका स्वास्थ्य हो। अपने सुख को तो भूल ही गए हैं सदैव अपने शरणागत जीवों के सुख का ही चिंतन करते हैं।
ऐसे हैं हमारे कृपालु दयालु 'श्री महाराजजी'।
ऐसे हैं हमारे कृपालु दयालु 'श्री महाराजजी'।
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