संसार का दुःख-सुख भयानक है, खतरनाक है। काम में सफलता मिली तो फूल गये और काम में नुकसान हो गया तो फीलिंग हो रही है। ये गलत बीमारी है। अच्छा फल मिल जाये तो भी ठीक, खराब फल मिले तो भी ठीक। समझ लो, हमारे पूर्वजन्म के कर्म खराब रहे होंगे। हमने पहले दान दिया होगा तो हमको पैसा अधिक मिल गया। पहले हमने दान नहीं दिया होगा तो हम गरीब हैं। ये तो हमारा दोष है, भगवान् क्या करे इसमें ? उसको फील नहीं करना चाहिये, आगे की बनाना चाहिये। जो बीता सो बीता।
------- जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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