सत्संग मन ते हो गोविन्द राधे।
ज्ञान वैराग्य भक्ति तीनों दिला दे।।
भावार्थः ईश्वरीय क्षेत्र में मन का की महत्त्व है। केवल शारीरिक रूप से
सत्संग करने का विशेष लाभ नहीं है। मन से श्रद्धायुक्त होकर सत्संग जीव को
ज्ञान,वैराग्य, भक्ति सब कुछ दिला देगा।
---- जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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