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मनुष्यों! मानव देह प्राप्त हुआ है , भगवतप्राप्ति के लिये केवल, इसकाे मत
गँवाओ, व्यर्थ भाेग विलास में केवल लिप्त रह कर। पतन के लिये ताे अन्य
याेनी है। संसार मे रह कर तुम संसार का उपयाेग कराे दुरुपयाेग नही, और
संसार मे अनासक्त हाेकर भगवतप्राप्ति करो , भक्ति कराे भगवान् की क्योंकि
मानव देह का एक मात्र लक्ष्य भगवतप्राप्ति ही है,अन्य कुछ नहीं। नहीं ताे
ये अनमाेल खजाना मानव देह छिन जायेगा और कुकर शुकर की योनि मे भेज देंगें
भगवान।
------ जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
------ जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
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