Saturday, February 4, 2017

हृदय में ज्ञान का दीपक जलाने वाले गुरु साक्षात भगवान ही हैं। जो पुरुष उन्हे मनुष्य समझते हैं उनका समस्त शास्त्र-श्रवण हाथी के स्नान के समान व्यर्थ है।
-----जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।


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