कोशिश
करने पर अवश्य ही दोष कम होते हैं। लेकिन जब कोशिश ही कम होती है तब दोष
भी कम ठीक होते हैं। गलती तो सभी से होती है , लेकिन बार - बार कहने पर भी
गलती हो , यह सबसे बड़ी मिस्टेक(mistake) है।
लोगों को दूसरों की तो बड़ी भारी फिक्र है लेकिन हमारा क्या होगा , इसकी फिक्र क्यों नहीं करते हो।
………जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
लोगों को दूसरों की तो बड़ी भारी फिक्र है लेकिन हमारा क्या होगा , इसकी फिक्र क्यों नहीं करते हो।
………जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
No comments:
Post a Comment