एक
बात याद रखो बस, अन्तःकरण का सम्बन्ध भगवान से और गुरु से हो। केवल सिर को
पैर पर रख देने से काम नहीं बनेगा,आरती कर लेने से काम नहीं बनेगा,दक्षिणा
दे देने से काम नहीं बनेगा। ये सब हेल्पर है। तुम्हारे पास जो कुछ है
दो,सब ठीक है। सर्व समर्पण करना है गुरु को ,भगवान को, लेकिन इतने मात्र से
काम नही बनेगा। 'अनुराग' सबसे प्रमुख है ,अन्तःकरण से प्यार।
-------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
-------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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