Sunday, August 11, 2013

हमारे प्यारे श्री महाराजजी (जगद्गुरु श्री कृपालु महाप्रभु) तो सदा से ही हम पर निगरानी रखते हैं। हमारे हर संकल्प हर क्रिया को हर क्षण हमारे साथ रहकर देखा करते हैं। यह हमारी कमी है कि हम उन्हें अपने साथ सदा महसूस नहीं कर पाते। बस पूर्ण दीनातिदीन होकर अपनी इंद्रिय,मन,बुद्धि को उनके चरणों में सदा-सदा के लिए चढ़ा दो। केवल उनकी आज्ञा ही हमारा चिंतन और उसका पालन ही हमारा काम है। बस इतनी साधना है। इसी बात पर आँसू बहाकर उनके चरणों को धोकर पी लो कि हम उन्हें सदा साथ-साथ महसूस क्यों नहीं करते।

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