एक बार हरि मिले गोविंद राधे |
माया जाय सदा सदा को ही बता दे ||
भावार्थ- एक बार यदि हरि का साक्षात्कार हो जाय तो सदा के लिये माया से छुटकारा मिल जाय |
एक बार हरि मिले गोविंद राधे |
सदा सदा को आनन्द दिला दे ||
भावार्थ- एक बार भगवान् के दिव्य दर्शन प्राप्त होने पर तो जीव सदा के लिये आनन्दमय हो जाता है |
हरि दर्शन ते ही गोविंद राधे |
उर माया ग्रन्थि जाती है बता दे ||
भावार्थ- भगवान् के दिव्य दर्शन प्राप्त होने पर ही जीव के हृदय से माया की ग्रन्थि समाप्त होती है |
..................राधा गोविंद गीत ( जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ).
माया जाय सदा सदा को ही बता दे ||
भावार्थ- एक बार यदि हरि का साक्षात्कार हो जाय तो सदा के लिये माया से छुटकारा मिल जाय |
एक बार हरि मिले गोविंद राधे |
सदा सदा को आनन्द दिला दे ||
भावार्थ- एक बार भगवान् के दिव्य दर्शन प्राप्त होने पर तो जीव सदा के लिये आनन्दमय हो जाता है |
हरि दर्शन ते ही गोविंद राधे |
उर माया ग्रन्थि जाती है बता दे ||
भावार्थ- भगवान् के दिव्य दर्शन प्राप्त होने पर ही जीव के हृदय से माया की ग्रन्थि समाप्त होती है |
..................राधा गोविंद गीत ( जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ).
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