Saturday, March 30, 2013

"हमारे प्यारे श्री महाराजजी ने ब्रजरस को प्रवाहित किया और हमारी प्यारी-प्यारी ममतामयी माँ (प्यारी अम्माजी) ने यह रस सबको पिलाया। हमारी प्यारी-प्यारी भोरी-भारी 'अम्मा का स्वरूप' ही 'निष्काम प्रेम' की अनुपम शिक्षा देने के लिए प्रकट हुआ।"
"हमारे प्यारे श्री महाराजजी ने ब्रजरस को प्रवाहित किया और हमारी प्यारी-प्यारी ममतामयी माँ (प्यारी अम्माजी) ने यह रस सबको पिलाया। हमारी प्यारी-प्यारी भोरी-भारी 'अम्मा का स्वरूप' ही 'निष्काम प्रेम' की अनुपम शिक्षा देने के लिए प्रकट हुआ।"

 

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