मन! मैं को मत छोड़ तू,दास जोड़ दे और।
मेरा भी रख साथ में,सो रसिकन सिरमौर।।
भावार्थ: हे मन ! तू मैं को मत छोड़। वरन 'मैं' के आगे 'दास' को और जोड़ दे(मैं दास हूँ),'मेरा' भी मत छोड़। वरन 'मेरा' के आगे 'रसिक शेखर श्रीकृष्ण' जोड़ दे। (मेरे स्वामी)।
..........श्री महाराजजी।
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