ऐसे शब्द ज्ञानी भी गोविंद राधे |
ज्ञान दे आपु रहे कोरा बता दे ||
भावार्थ- जिसे केवल शास्त्रीय ज्ञान है, ईश्वर का अनुभव नहीं है वह दूसरों को ज्ञान तो प्रदान कर सकता है किन्तु प्रेम के बिना वह स्वयं अज्ञानी ही बना रहता है |
... शास्त्रानभिज्ञ जन गोविंद राधे |
विरक्त भी ज्ञान दे ना बता दे ||
भावार्थ- शस्त्र ज्ञान से रहित कोई यदि पूर्ण विरक्त भी है तो भी वह किसी को ज्ञान प्रदान नहीं कर सकता |
गुरु वेदवित हो गोविंद राधे |
दिव्य प्रेमयुक्त भी हो हरि ते मिला दे ||
भावार्थ- गुरु जो शास्त्रों वेदों का ज्ञाता भी हो और जिसके पास दिव्य प्रेम भी हो वही भगवत्प्राप्ति करा सकता है |
..................राधा गोविंद गीत ( जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज )...........
ज्ञान दे आपु रहे कोरा बता दे ||
भावार्थ- जिसे केवल शास्त्रीय ज्ञान है, ईश्वर का अनुभव नहीं है वह दूसरों को ज्ञान तो प्रदान कर सकता है किन्तु प्रेम के बिना वह स्वयं अज्ञानी ही बना रहता है |
... शास्त्रानभिज्ञ जन गोविंद राधे |
विरक्त भी ज्ञान दे ना बता दे ||
भावार्थ- शस्त्र ज्ञान से रहित कोई यदि पूर्ण विरक्त भी है तो भी वह किसी को ज्ञान प्रदान नहीं कर सकता |
गुरु वेदवित हो गोविंद राधे |
दिव्य प्रेमयुक्त भी हो हरि ते मिला दे ||
भावार्थ- गुरु जो शास्त्रों वेदों का ज्ञाता भी हो और जिसके पास दिव्य प्रेम भी हो वही भगवत्प्राप्ति करा सकता है |
..................राधा गोविंद गीत ( जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज )...........
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