Tuesday, March 5, 2013

कुछ समय का नियम बनाकर प्रतिदिन श्यामसुन्दर का स्मरण करते हुए रोकर उनके नाम, गुण, लीलादी का संकीर्तन एवं स्मरण करो एवं शेष समय में संसार का आवश्यक कार्य करते हुए बार बार यह महसूस करो के श्यामसुंदर और गुरु हमारे प्रत्येक कार्य को देख रहे है और उन्हें हम दिखा दिखाकर कार्य कर रहे है. इस प्रकार कर्म भी न्यायपूर्ण होगा एवं थकावट भी न होगी. एक बार करके देखिये.
.......जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज.
कुछ समय का नियम बनाकर प्रतिदिन श्यामसुन्दर का स्मरण करते हुए रोकर उनके नाम, गुण, लीलादी का संकीर्तन एवं स्मरण करो एवं शेष समय में संसार का आवश्यक कार्य करते हुए बार बार यह महसूस करो के श्यामसुंदर और गुरु हमारे प्रत्येक कार्य को देख रहे है और उन्हें हम दिखा दिखाकर कार्य कर रहे है. इस प्रकार कर्म भी न्यायपूर्ण होगा एवं थकावट भी न होगी. एक बार करके देखिये. 
.......जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज.


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