#अनादिकाल से हम #संसार की जेल में दण्ड भोग रहे हैं। इसका एक कारण है कि हमने #भगवान् के साथ ' ही ' नहीं लगाया , केवल ' भी ' लगाया। एक शब्द में इतना बड़ा दण्ड । भगवान् #भागवत में कहते हैं " मैं सब कुछ हूँ तेरा #जीव ! क्यों भूल गया तू मुझे ? '' ये #माया जो तेरे ऊपर अधिकार किये है केवल मुझे भूलने के कारण। लेकिन मैं नहीं भूला तुझे । मैं तेरे #हृदय में बैठ कर तेरे एक एक आइडियाज ( IDEAS ) को नोट करता हूँ , चुपचाप, तुझे डिस्टर्ब ( DISTURB ) नहीं करता। इसलिये जीव ! तू निरंतर मेरा #स्मरण करते हुये मेरे नाम के साथ ' ही ' लगा ' भी ' नहीं। जिस दिन तू ' ही ' लगा देगा उस दिन #भगवतप्राप्तितेरे लिये करतलगत है।'
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