Friday, July 8, 2016

गुरु के दिये हुये ज्ञान को सदा पुनरावृति (मनन ) के द्वारा पक्का करते रहना चाहिये अन्यथा मायाबद्ध होने के कारण अनादिकालीन अज्ञान उस ज्ञान पर हावी होकर उसे भुला देता है ।
.......सुश्री श्रीधरी दीदी (प्रचारिका),जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।

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