रक्षिष्यतीति
विश्वास:- ये विश्वास रखो कि हरि-गुरु हमारी रक्षा करेंगे। हम चलें निर्भय
होकर चलें ईश्वर की ओर ,वे योगक्षेम वहन करेंगे उनका कानून है। अकाट्य
कानून है। करेंगे कि नहीं करेंगे,करेंगे कि नहीं करेंगे मुँह से पूछें या
लिखकर पूछें। अरे लिखना पढ़ना पूछना कुछ नहीं है। वो कानून है वो तो करना ही
पड़ेगा उनकी ड्यूटि है और रक्षा कर रहे हैं ये भी realize करना है।
--------सुश्री श्रीधरी दीदी (जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज की प्रचारिका)।
--------सुश्री श्रीधरी दीदी (जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज की प्रचारिका)।
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