Thursday, May 2, 2013

"ठाकुर युगल किशोर हमारों, चाकर हम पिय प्यारी के।
गुरु सेवा ही धर्म हमारों, दास न हम श्रुतिचारी के"।।
"ठाकुर युगल किशोर हमारों, चाकर हम पिय प्यारी के।
 गुरु सेवा ही धर्म हमारों, दास न हम श्रुतिचारी के"।।


 

No comments:

Post a Comment