सावधान ..... यमराज देख रहा है.....
मानव देह क्षण भंगुर है ,कल आवे न आवे। यमराज हर पल तके हुए है .... टाइम
पूरा हुआ नहीं कि...... without Permission बिना बताये ले जायेगा वो।
जो मायाधीन है , पापात्मा है ...उसे घसीटते हुए ले जायेगा .....दंड देने के लिए ....
काल बड़ा बलवान है........इसमें भगवान् भी दखल नहीं देते......... और न संत .....
हम नहीं याद रखते ...भूल जाते हैं बार बार......इसीलिए ये सब लापरवाही हो रही है सबकी।
जरा सोचो...अगर अभी छिन गया तो फिर ......?......तो फिर जो स्मरण करते
होगे आप ....मृत्यु के समय वैसी ही चित्तवृत्ति रहेगी और मरने के बाद वही
गति मिलेगी।
बस यही सोचते हैं कि ..अभी तो हम दस साल के हैं , बीस साल के , पचास के हैं।
इसलिए कल कल मत करो ...अभी करो....जल्दी करो......टाइम बीता जा रहा है।
जो करने के लिए भगवान् ने मानव देह दिया है वो करो।
----------- तुम्हारा कृपालु।
सावधान ..... यमराज देख रहा है.....
मानव देह क्षण भंगुर है ,कल आवे न आवे। यमराज हर पल तके हुए है .... टाइम पूरा हुआ नहीं कि...... without Permission बिना बताये ले जायेगा वो।
जो मायाधीन है , पापात्मा है ...उसे घसीटते हुए ले जायेगा .....दंड देने के लिए ....
काल बड़ा बलवान है........इसमें भगवान् भी दखल नहीं देते......... और न संत .....
हम नहीं याद रखते ...भूल जाते हैं बार बार......इसीलिए ये सब लापरवाही हो रही है सबकी।
जरा सोचो...अगर अभी छिन गया तो फिर ......?......तो फिर जो स्मरण करते होगे आप ....मृत्यु के समय वैसी ही चित्तवृत्ति रहेगी और मरने के बाद वही गति मिलेगी।
बस यही सोचते हैं कि ..अभी तो हम दस साल के हैं , बीस साल के , पचास के हैं।
इसलिए कल कल मत करो ...अभी करो....जल्दी करो......टाइम बीता जा रहा है।
जो करने के लिए भगवान् ने मानव देह दिया है वो करो।
----------- तुम्हारा कृपालु।
मानव देह क्षण भंगुर है ,कल आवे न आवे। यमराज हर पल तके हुए है .... टाइम पूरा हुआ नहीं कि...... without Permission बिना बताये ले जायेगा वो।
जो मायाधीन है , पापात्मा है ...उसे घसीटते हुए ले जायेगा .....दंड देने के लिए ....
काल बड़ा बलवान है........इसमें भगवान् भी दखल नहीं देते......... और न संत .....
हम नहीं याद रखते ...भूल जाते हैं बार बार......इसीलिए ये सब लापरवाही हो रही है सबकी।
जरा सोचो...अगर अभी छिन गया तो फिर ......?......तो फिर जो स्मरण करते होगे आप ....मृत्यु के समय वैसी ही चित्तवृत्ति रहेगी और मरने के बाद वही गति मिलेगी।
बस यही सोचते हैं कि ..अभी तो हम दस साल के हैं , बीस साल के , पचास के हैं।
इसलिए कल कल मत करो ...अभी करो....जल्दी करो......टाइम बीता जा रहा है।
जो करने के लिए भगवान् ने मानव देह दिया है वो करो।
----------- तुम्हारा कृपालु।
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