वे
क्या हैं ? हम नहीं जान सकते हैं। यह तो केवल वही जान सकता है जिस पर वो
कृपा करके बोध करा देते हैं। केवल इतना ही द्रढ़ विश्वास बनाये रखो कि वे
ही हमारे सर्वस्व हैं। सर्वसमर्थ हैं , सर्वान्तर्यामी हैं और इतना ही नहीं
वे तो हमारे बिल्कुल अपने हैं और सदा से हम पर अकारण कृपा करते आये हैं।
~~~~ जगद्गुरु श्री कृपालु जी.
~~~~ जगद्गुरु श्री कृपालु जी.
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