भगवान् , महापुरुष की कोई बात समझ में आ जाती है ,यह आश्चर्य है ! नहीं आती , यह तो स्वाभाविक है , क्योंकि आप मायिक हैं और महापुरुष अमायिक ! यदि तुम किसी महापुरुष को तभी मानो जब उसकी बांते तुम्हें समझ में आ जायें , तो शास्त्र कहते हैं इस पैमाने से तुम जहाँ हो , उससे और पीछे खिसकते जाओगे , क्योंकि ईश्वरीय जगत के बड़े सूक्ष्म और रहस्य के कानून हैं ! उन्हें केवल उनकी गवर्नमैंट ( government) वाले ही जानते हैं !
*********जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ***********
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