Tuesday, January 7, 2020

मन ही शुभाशुभ कर्म करे बामा।
याते मन ते ही करो भक्ति आठु यामा।।
भावार्थः- मन ही शुभ अशुभ कर्मों का कर्ता है। अतएव मन से ही श्यामा श्याम की निरन्तर भक्ति करो। केवल इन्द्रियों द्वारा की गई भक्ति भक्ति नहीं है।
(श्यामा श्याम गीत)
#जगद्गुरु_श्री_कृपालु_जी_महाराज
सर्वाधिकार सुरक्षित:-राधा गोविन्द समिति।

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