श्यामा ही हैं श्याम अरु श्याम ही हैं श्यामा, श्यामा श्याम विहरत वृन्दावन धामा।
श्याम तनु नीलो रंग, पीलो रंग श्यामा, श्याम धारें पीलो पट, नीलो पट श्यामा।
श्यामा रँगी श्याम रँग, श्याम रँगे श्यामा,ब्रजरस बरसावत ब्रज धामा।
श्यामा पावें श्याम रस, श्याम पावें श्यामा,हौं 'कृपालु' पावूं रस श्याम अरु श्यामा।।
----- जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
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