विश्व
शांति के हेतु विश्वबंधुत्व ही आज की प्रमुख मांग है। वह केवल हिन्दू
वैदिक फिलोसोफी से ही हो सकता है। 'य आत्मनि तिष्ठती' इस वैदिक सिद्धान्त
के अनुसार सभी जीवों में भगवान का निवास है। यदि यह बात मानवमात्र स्वीकार
करले, तो समस्त झगड़े समाप्त हो जाये और विश्वशांति का मार्ग प्रशस्त हो
जाये।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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