Tuesday, September 5, 2017

विश्व शांति के हेतु विश्वबंधुत्व ही आज की प्रमुख मांग है। वह केवल हिन्दू वैदिक फिलोसोफी से ही हो सकता है। 'य आत्मनि तिष्ठती' इस वैदिक सिद्धान्त के अनुसार सभी जीवों में भगवान का निवास है। यदि यह बात मानवमात्र स्वीकार करले, तो समस्त झगड़े समाप्त हो जाये और विश्वशांति का मार्ग प्रशस्त हो जाये।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।

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