विश्व शान्ति....!!!
यदि विश्व के सभी मनुष्य श्रीकृष्ण भक्ति रूपी शस्त्र को स्वीकार कर लें, तो समस्त देशों का,समस्त प्रांतों का,समस्त नगरों का,समस्त परिवारों का झगड़ा ही समाप्त हो जाये। केवल येही मान ले कि सभी जीव, श्रीकृष्ण के पुत्र हैं। अत: परस्पर भाई भाई हैं। पुनः सभी जीवों के अंत:करण में श्रीकृष्ण बैठे हैं।
अतएव किसी के प्रति भी हेय बुद्धि,निंदनीय है। वर्तमान विश्व में इस सिद्धान्त पर किसी भी राजनीतिज्ञों का ध्यान नहीं जाता अतएव अन्य भौतिक उपायों से शांति के स्थान पर क्रांति उत्तरोतर बढ़ती जा रही है। केवल उपर्युक्त भावों के भरने से ही विश्वशान्ति संभव है।
यदि विश्व के सभी मनुष्य श्रीकृष्ण भक्ति रूपी शस्त्र को स्वीकार कर लें, तो समस्त देशों का,समस्त प्रांतों का,समस्त नगरों का,समस्त परिवारों का झगड़ा ही समाप्त हो जाये। केवल येही मान ले कि सभी जीव, श्रीकृष्ण के पुत्र हैं। अत: परस्पर भाई भाई हैं। पुनः सभी जीवों के अंत:करण में श्रीकृष्ण बैठे हैं।
अतएव किसी के प्रति भी हेय बुद्धि,निंदनीय है। वर्तमान विश्व में इस सिद्धान्त पर किसी भी राजनीतिज्ञों का ध्यान नहीं जाता अतएव अन्य भौतिक उपायों से शांति के स्थान पर क्रांति उत्तरोतर बढ़ती जा रही है। केवल उपर्युक्त भावों के भरने से ही विश्वशान्ति संभव है।
-------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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