जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज के श्रीमुख से:
जब लोग चिपटतें हैं किसी से, बड़ा पैसा है तो जबरदस्ती के रिश्तेदार बन जाते हैं लोग। ये पैसे वाला है लगो इसके पीछे,मरेगा तो मिलेगा हमको और जब पैसा नहीं है सगे बाप को,सगी माँ को,सगे बेटे को लोग छोड़ देते हैं। अरे कुछ नहीं है उसके पास। वहाँ क्या जाते हो? जब पेड़ में फल लगे हैं,तो पक्षी अपने आप आते हैं बिना बुलाये, और चहचहाते हैं,फल खाते हैं, फल झड़ गये, मौसम समाप्त हो गया फल का,पक्षी उड़ गये और वृक्ष बुलावे तो भी नहीं आता कोई पक्षी। ऐसा ये संसार है। जहाँ स्वार्थ सिद्धि है वही बाप है,वही माँ है,वही बेटा है। स्वार्थ हल नहीं हुआ तो नमस्ते। कोई किसी को नहीं पूछता फिर भी हम नहीं समझते। और भगवान को अपना माँ,बाप,बेटा, पति नहीं मानते संसार में ही मर रहे हैं। आँख से देख रहे हैं,अनुभव कर रहे हैं ,दूसरे को भी देखते हैं अपना भी देखते हैं। और फिर भी तत्त्वज्ञान नहीं। वैराग्य नहीं। मन को जब तक ठोकर न लगे जोरदार संसार की तब तक वो भगवान की ओर नहीं चलता। या तो इतना बड़ा शास्त्र वेद का ज्ञाता तत्त्वज्ञानी हो और या तो ठोकर लगे। तभी भगवान की ओर कोई चलता है।
जितना अधिक संसार होगा ,कोई संसार हो - रूप सुंदर है उसी के पीछे पड़े हैं लोग,धन है उसी के पीछे पड़े हैं,पोस्ट है कमिश्नर है,कलेक्टर है उसी के पीछे पड़े हैं लोग,कोई चीज़ आपके पास खास हो गयी एक,बस संसार वाले आपका पीछा कर लेंगे।फिर आप भगवान् को भूल जायेंगे। असिस्टेंट भगवान बन जायेंगे। वाह! अरे क्या हो तुम तुम्हारी हैसियत क्या है न रूप में कोई कामदेव है,न धन में कोई कुबेर है, सबसे बड़ा पैसे वाला 7 अरब आदमी में दुनिया में ,एक आदमी है बिल गेट्स उसके पास कुल 46अरब डॉलर की संपत्ति है,46 अरब डॉलर बस कुल जमा टोटल।
46 अरब डॉलर में तो एक शहर को भी नहीं कोई खरीद सकता। क्या हैसियत है उसकी? उसी में अहंकार - मैं दुनियाँ में टॉप करता हूँ। अभी हमारे देश में आये थे वो ,और बड़ा स्वागत हो रहा है। क्यों? वो दुनिया में टॉप का पैसे वाला है। 46 अरब डॉलर। तो ये छोटी छोटी चीजें हैं हमारे पास वही अहंकार पैदा कर देती हैं। अहंकार से बचना होगा।
जब लोग चिपटतें हैं किसी से, बड़ा पैसा है तो जबरदस्ती के रिश्तेदार बन जाते हैं लोग। ये पैसे वाला है लगो इसके पीछे,मरेगा तो मिलेगा हमको और जब पैसा नहीं है सगे बाप को,सगी माँ को,सगे बेटे को लोग छोड़ देते हैं। अरे कुछ नहीं है उसके पास। वहाँ क्या जाते हो? जब पेड़ में फल लगे हैं,तो पक्षी अपने आप आते हैं बिना बुलाये, और चहचहाते हैं,फल खाते हैं, फल झड़ गये, मौसम समाप्त हो गया फल का,पक्षी उड़ गये और वृक्ष बुलावे तो भी नहीं आता कोई पक्षी। ऐसा ये संसार है। जहाँ स्वार्थ सिद्धि है वही बाप है,वही माँ है,वही बेटा है। स्वार्थ हल नहीं हुआ तो नमस्ते। कोई किसी को नहीं पूछता फिर भी हम नहीं समझते। और भगवान को अपना माँ,बाप,बेटा, पति नहीं मानते संसार में ही मर रहे हैं। आँख से देख रहे हैं,अनुभव कर रहे हैं ,दूसरे को भी देखते हैं अपना भी देखते हैं। और फिर भी तत्त्वज्ञान नहीं। वैराग्य नहीं। मन को जब तक ठोकर न लगे जोरदार संसार की तब तक वो भगवान की ओर नहीं चलता। या तो इतना बड़ा शास्त्र वेद का ज्ञाता तत्त्वज्ञानी हो और या तो ठोकर लगे। तभी भगवान की ओर कोई चलता है।
जितना अधिक संसार होगा ,कोई संसार हो - रूप सुंदर है उसी के पीछे पड़े हैं लोग,धन है उसी के पीछे पड़े हैं,पोस्ट है कमिश्नर है,कलेक्टर है उसी के पीछे पड़े हैं लोग,कोई चीज़ आपके पास खास हो गयी एक,बस संसार वाले आपका पीछा कर लेंगे।फिर आप भगवान् को भूल जायेंगे। असिस्टेंट भगवान बन जायेंगे। वाह! अरे क्या हो तुम तुम्हारी हैसियत क्या है न रूप में कोई कामदेव है,न धन में कोई कुबेर है, सबसे बड़ा पैसे वाला 7 अरब आदमी में दुनिया में ,एक आदमी है बिल गेट्स उसके पास कुल 46अरब डॉलर की संपत्ति है,46 अरब डॉलर बस कुल जमा टोटल।
46 अरब डॉलर में तो एक शहर को भी नहीं कोई खरीद सकता। क्या हैसियत है उसकी? उसी में अहंकार - मैं दुनियाँ में टॉप करता हूँ। अभी हमारे देश में आये थे वो ,और बड़ा स्वागत हो रहा है। क्यों? वो दुनिया में टॉप का पैसे वाला है। 46 अरब डॉलर। तो ये छोटी छोटी चीजें हैं हमारे पास वही अहंकार पैदा कर देती हैं। अहंकार से बचना होगा।
------ जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
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