नींद
जो है वो तमोगुण है। जाग्रत अवस्था में हम सत्वगुण में जा सकते हैं,रजोगुण
में भी जा सकते हैं। लेकिन नींद जो है वो प्योर(pure) तमोगुण है। बहुत ही
हानिकारक है। अगर लिमिट से अधिक सोओ तो भी शारीरिक हानी होती है। आपके शरीर
के जो पार्ट्स हैं उनको खराब करेगा वो अधिक सोना भी। रेस्ट की भी लिमिट
है। रेस्ट के बाद व्यायाम आवश्यक है। देखिये शरीर ऐसा बनाया गया है कि
इसमें दोनों आवश्यक हैं। तुम्हें संसार में कोई जरूरी काम आ जाए,या कोई
तुम्हारा प्रिय मिले तब नींद नहीं आती। इसलिए कोई फ़िज़िकल रीज़न नहीं कारण
केवल मानसिक वीकनेस है। लापरवाही,काम न होना,नींद आने का प्रमुख कारण है।
हर क्षण यही सोचो की अगला क्षण मिले न मिले अतएव भगवद विषय में उधार न करो।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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