दूसरे में दाेष देखने से दाे हानि हाेती हैं।
- एक ताे वाे दाेष मन में आयेगा और हमारे मन काे गन्दा करेगा।
- नम्बर दाे दूसरे में दाेष देखने से अपने में अहंकार आयेगा।
ऐसे ही अहंकार कम है क्या?
ये अहंकार ही ताे हमें चाैरासी लाख याेनियाें में घुमा रहा है।
-------- जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
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