जल बिनु मीन जैसे गोविन्द राधे।
उर तलफनि हो तो हरि से मिला दे।।
एक बार ईसामसीह समुद्रतट पर घूम रहे थे कि एक भक्त उनके पास आया और उसने
पूछा , '' प्रभो भगवत्प्राप्ति कैसे हो सकती है ?'' ईसा उसे तुरंत समुद्र
में ले गये और उन्होंने उसे जल में डुबाये रखा। इससे वह छटपटाने लगा। थोड़ी
देर बाद उन्होंने उसे बाहर निकला और उससे पूछा , '' जल के अन्दर तुम्हे
कैसा लग रहा था ? भक्त बोला , '' ऐसा लग रहा था , मानो मेरा अंतिम समय आ
गया है। पानी में एक क्षण और रह जाता , तो मर ही जाता। '' इस पर ईसा बोले ,
'' बस , जिस क्षण अपने प्रियतम प्रभु से मिलने के लिए , तुम इसी प्रकार
व्याकुल हो उठोगे , उसी क्षण तुम्हें उनके दर्शन हो जाएँगे। ''
...........श्री कृपालु महाप्रभु जी।
उर तलफनि हो तो हरि से मिला दे।।
एक बार ईसामसीह समुद्रतट पर घूम रहे थे कि एक भक्त उनके पास आया और उसने पूछा , '' प्रभो भगवत्प्राप्ति कैसे हो सकती है ?'' ईसा उसे तुरंत समुद्र में ले गये और उन्होंने उसे जल में डुबाये रखा। इससे वह छटपटाने लगा। थोड़ी देर बाद उन्होंने उसे बाहर निकला और उससे पूछा , '' जल के अन्दर तुम्हे कैसा लग रहा था ? भक्त बोला , '' ऐसा लग रहा था , मानो मेरा अंतिम समय आ गया है। पानी में एक क्षण और रह जाता , तो मर ही जाता। '' इस पर ईसा बोले , '' बस , जिस क्षण अपने प्रियतम प्रभु से मिलने के लिए , तुम इसी प्रकार व्याकुल हो उठोगे , उसी क्षण तुम्हें उनके दर्शन हो जाएँगे। ''
...........श्री कृपालु महाप्रभु जी।
No comments:
Post a Comment